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मंगलवार, 28 अगस्त 2018

मंजू श्रीवास्तव की कविता : रक्षा बंधन




भाई बहन के अटूट प्यार का रिश्ता,
राखी का त्योहार है आया |
साथ में ढेरों खुशियाँ लाया |
दो धागों से बंधा हुआ है भाई बहन का प्यार |
भाई ने भी बहना को दिया प्यार का सुन्दर उपहार |

बहना ने बांधी भाई की कलाई पर,
रंग बिरंगी चमकीली सी राखी
बांध के राखी बहना भी,
खुशी से फूली नहीं समाई |
रोली, मिठाई, राखी से
पूजा की थाली सजाई
टीका लगाया माथे पर
और भाई को  खिलाई मिठाई |

भाई ने बहना को दिये नये नये उपहार |
और वचन दिया हर विपत्ति मे
रक्षा करने को तैयार|
बहना बोली, अगले बरस फिर तुम आना,
इस बहना को कहीं भूल न जाना |
इसी तरह सदियों तक बना रहे
भाई बहन का आपस मे प्यार |


                                  मंजू श्रीवास्तव हरिद्वार


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