ब्लॉग आर्काइव

रविवार, 26 अगस्त 2018



राखी खुशियाँ से भरी ,नेह प्रेम के भाव 
भाई को मिलता सदा ,बहिनों का सद्भाव। 
सावन मनभावन सदा ,हरियाली सब ओर 
खुशहाली के पर्व पर ,नाचे मन का मोर 

रिश्ते दुनिया में कई ,कुछ रिश्ते हैं खास। 
बहना का धागा बना ,भाई का विश्वास।  

रेशम कि डोरी बंधी ,मन में प्रेम अपार। 
भाई से बहना कहे ,तुम हो प्राण अधार। 

रेशम के धागे बने ,मन के बंधन आज 
माथे पर चन्दन लगा ,बहना करती नाज। 

बहिना जब से तू गई ,मन है बड़ा उदास। 
राखी संग बंध गया ,हाथों में विश्वास। 

भाई सरहद पर लड़े ,रख कर देश की आन। 
बहिना की राखी मिली ,बांध कलाई शान। 

सूना सूना सा लगे ,बिन बहना के पर्व। 
काश बहिन होती यदि ,मैं भी करता गर्व।   




             सुशील शर्मा

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें