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सोमवार, 6 अगस्त 2018

शरद कुमार श्रीवास्तव की रचना : मेढकी  की शापिंग 







कहा मेढकी ने  मेढक  से 
जाना  है बाजार 
पर्स निकालो दे दो मुझको 
रुपए दस हज़ार 

बनारसी साड़ी लानी मुझको
झुमका बरेली वाला 
नेलपालिश और लिपस्टिक है
लाना चश्मा काला

शापिंग करने जाना माॅल में 
जल्दी निकालो गाड़ी 
मेकअप सारा व्यर्थ जायगा
बरबाद मेहनत सारी

मेढक बोला भागदौड़ में हुए
खत्म रुपये हमारे 
अब तो सारे बैंक बंद होगये 
ठप एटीएम सारे 


शरद कुमार श्रीवास्तव 

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