अमन एक पाँच साल का बच्चा था उसकी माँ जब भी उसे दूध पीने के लिए कहती वह रोने लगता और रोते रोते कहता मुझे नही पीना और वहाँ से दूसरे कमरे में जाकर छिप जाता था फिर।एक दिन जब वह सुबह उठा तो जोर जोर से रोने लगा उसके रोने की आवाज़ सुनकर उसकी माँ दौडी चली आयी और बोली अमन बेटा क्या हुआ तुम रो क्यों रहे हो तो वह कहने लगा माँ मेरे दाँत में दर्द हो रहा है इतना सुनते ही माँ उसे डाक्टर के पास ले गयी।
डाक्टर बोले आओ बेटा दिखाओ तुम्हारे दाँत में क्या हुआ है वह रोते रोते कहता है अंकल मुझे बहुत दर्द हो रहा है। तभी वह उसके दाँतो का निरिक्षण करते हैं और कहते है कि इसके दाँत तो बहुत कमज़ोर हैं और इनमें कीड़ा भी लगा है।
वह अमन से कहते हैं कि लगता है तम दूध नही पीते हो और रोज़ ब्रश भी नहीं करते हो तभी अमन की माँ बोल पडती है कि आप सही कह रहे हो ये मेरी बात नहीं मानता और रोज़ ब्रश करने व दूध पीने में रोता है।
डाक्टर अमन को समझाते हुए कहते है कि दूध में कैल्शियम होता है जिससे हमारे दाँत मजबूत होते है वह हमारे दाँतो का खाना है तुम्हे रोज़ पीना चाहिए और ब्रश करने से दाँत में कीड़ा भी नहीं लगता।
इतना समझा कर वह अमन की माँ को कुछ दवाईया देते हुए कहते है कि ये इसे तीन दिनो तक रोज़ दे देना और साथ ही इसकी चॉकलेट और आइसक्रीम आदि कुछ दिनों के लिए बन्द कर देना ये सुनते ही अमन रोने लगता है और रोते रोते कहता है कि अंकल ये सब तो मुझे अच्छा लगता है खाने दो मैं अब से रोज़ दूध पीऊगा और ब्रश भी करूँगा। ये सुनते ही डाक्टर कहते है कि ठीक है तुम कभी-कभी खा सकते हो पर अभी नहीं दाँत का दर्द ठीक होने के बाद।
अमन की माँ धन्यवाद कह कर वहाँ से चली जाती है। अब अमन माँ की बात मानता है और रोज़ दूध पीता है व ब्रश भी करता है और अब उसके दाँतो में दर्द भी नहीं होता।
अंजू जैन गुप्ता
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