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गुरुवार, 16 अप्रैल 2020

कोरोना के जाल * प्रिया देवांगन प्रियू की रचना







माहौल है बदला बदला , चारो तरफ है सुनसान।
इतने सारे भोजन पानी का , हो गया है नुकसान।।
कोरोना ने चारों तरफ , अपना राज जमाया है।
टीवी चैनल समाचारों में , हर जगह पर छाया है।।
बेटी की शादी है आज , कोई नही आया है।
वायरस के चक्कर मे , कोई भोजन नही खाया है।।
पंडित जी आये है , बड़ी मुश्किल से आज।
जल्दी जल्दी मंत्र पढ़ के , निपटा रहे है काज।।
मास्क लगा कर दूल्हा बैठा , मास्क लगाये बराती।
बैठे बैठे देख रहे , क्या करे घराती।।
चली गयी बिटियां रानी , आज अपनी ससुराल में।
माँ बाप चिंता में बैठे , बिटियाँ होगी किस हाल में।।
कोरोना के वायरस ने ,कैसा जाल बिछाया है।
वैज्ञानिक भी परेशान हैं , कुछ समझ न आया है।।



प्रिया देवांगन प्रियू
पंडरिया (कबीरधाम)
छत्तीसगढ़

priyadewangan1997@gmail.com

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