मैं छोटा बालक नादान।
ईश! मुझे देना वरदान।।
मंदिर जाऊंँ सुबहो-शाम।
निशदिन लूँ मैं तेरा नाम।।
रोज सुबह मैं करता योग।
मुझे देख कर भागे रोग।।
उछल-कूद है मेरा काम।
मुझे कहाँ मिलता आराम।।
बैट बाल अरु गाड़ी रेल।
छुपम छुपाई खेलूँ खेल।।
बगिया जाऊंँ दादू साथ।
पकड़े रहते मेरे हाथ।।
पढ़-लिख कर मैं पाऊंँ ज्ञान।
मैं छोटा बालक नादान।।
प्रिया देवांगन "प्रियू"
राजिम
जिला - गरियाबंद
छत्तीसगढ़
Priyadewangan1997@gmail.com
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