गली गली मा जुगनू कीरा।
जइसे चमके चम चम हीरा।।
रतिहा बेरा येहर आथे।
बिहना संगी कती लुकाथे।।
बुग बुग बरथे सुग्घर पाँखी।
नान नान दिखथे दू आँखी।।
करिया भुरवा रंग ह होथे।
मंझनिया भर जम्मों सोथे।।
खेत खार अउ हरियर बारी।
धरे टार्च निकले सँगवारी।।
दू पाखी येखर टकराथे।
लागे जुगनू गाना गाथे।।
सुरताथे बन झाड़ झरोखा।
पेट भरे बर करथे जोखा।।
घर घर मा जुगनू हर आथे।
लइका लोगन खुश हो जाथे।।
येखर रद्दा मनखे जावव।
सुमता के गोठ गोठियावव।।
सीखव जुगनू ले सँगवारी।
दूर करौ जम्मों अँधियारी।।
प्रिया देवांगन "प्रियू"
राजिम
जिला - गरियाबंद
छत्तीसगढ़
Priyadewangan1997@gmail.com
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