ब्लॉग आर्काइव

बुधवार, 16 नवंबर 2022

मंजू श्रीवास्तव की बाल कविता ;बाल दिवस

नाना की पिटारी मे पूर्व प्रकाशित दिवंगत  मंजू श्रीवास्तव की एक रचना



                          बच्चों  के  चाचा  नेहरू


चाचा नेहरू का जन्म दिन
बाल दिवस के रूप मे आया,
भारत मां के लाल को देखो,
बच्चों के संग मुस्काया।
अचकन, चूड़ीदार पैजामा,
यही उनका पहनावा था,
अचकन पे लाल गुलाब सुशोभित,
जो उनको जान से प्यारा था।
सब सुख त्यागा देश की खातिर,
अमन शांति का संदेश फैलाया।
बच्चों को भी आपस में मिलकर,
रहने का सुन्दर पाठ पढ़ाया।
क्यूं न हम आपस मे मिलकर,
रचाएँ एक ऐसा संसार,
जहाँ न द्वेष हो, जहाँ न क्लेश हो,
बस आपस मे हो प्यार ही प्यार।
बाल दिवस का जश्न मनायें,
नाचें गायें धूम मचायें।



मंजू श्रीवास्तव  जी
हरिद्वार 

                        मंजू श्रीवास्तव हरिद्वार

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें