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गुरुवार, 6 दिसंबर 2018

शादाब आलम :, ठन्डी हमे धमकाए




बाहर फैली धुंध, हवाएं
चलें सरर-सर सर
सुन्न पड़े हैं हाथ-पैर, हम-
कांपे थर-थर-थर।
पानी छूने से डर लगता
ठंड हमे धमकाए
फिर भी रिंकू रोज़ नहाकर
ही विद्यालय जाए।




                          शादाब आलम

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