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मंगलवार, 26 अप्रैल 2022

टिंकपिका के जादूगर के सैनिक और नन्ही चुनमुन

 



 चुनमुन ने जबसे "टिंकपिका का जादूगर"  कहानी अपनी माँ से सुना था, तबसे  उसको ऐसा लगता था  जैसे उसे कोई कह रहा है कि जरा सावधान हो जाओ, टिंकपिका के जादूगर  के सैनिक  तुम्हारे आसपास  ही हैं ।  चुनमुन  सब प्रकार से सावधान  रहने की कोशिश  कर रही  थी ।    यह चेतावनी उसे बार  बार फिर  भी मिलती हुई महसूस  होती थी ।  वह किसी अजनबी से बातचीत  नहीं करती है ।   स्कूल  का होमवर्क  तो वह खुद  ही करती है।   बाबा जी से या सुयश भैया से ही कभी कभार  मदद  ले लेती थी,  उसमे नन्ही चुनमुन  को कोई  गलत बात नजर नहीं आती थी ।  आखिरकार  ये लोग  टिंकपिका के जादूगर के सैनिक हैं तो कहाँ है यह बात  चुनमुन  रोज सोंचती रहती थी।

पिछली रात को चुनमुन सोते से जाग गई।   उसके दाँतों मे बहुत दर्द  हुआ।  वह  मम्मी के पास  ही सो रही थी।  उसने अपनी माँ को जगाकर  कहा मम्मी मेरे दाँतों बहुत  दर्द  हो रहा है ।   मम्मी ने उसका मुंह  साफ कराया तथा कुछ दवा देकर  किसी प्रकार  चुनमुन  को सुलाया।   दूसरे दिन उसकी मम्मी,  सुबह  सुबह  दाँत  के डाक्टर  के पास नन्ही चुनमुन  को लेकर गईं ।  नन्ही चुनमुन  को वैसे ही डाक्टर  के नाम  से डर लगता है ।   दाँत  के डाक्टर  के पास  उनके उपकरणो को देखकर चुनमुन  के छक्के छूट गये । 


    डॉक्टर  साहब  ने नन्ही चुनमुन  को एक ऊँची चेयर पर बैठाकर उससे दोस्तों की तरह  बर्ताव  करना शुरू  किया ।   उसका नाम पूछा  फिर  उसके दोस्त लोगो के बारे मे पूछा ।   जब  चुनमुन ने अपने को एडजस्ट  कर लिया,  तब डाक्टर  साहब  ने  उससे पूछा  कि क्या उसे चाकलेट  टाफी मिठाई आदि बहुत पसन्द  है ।   नन्ही चुनमुन  ने कहा जी हाँ  ।   इतना सुनकर  डॉक्टर  बोले तुम्हारे कई दाँतो पर  कीटाणुओं का हमला हो गया है ।   क्या तुम्हे किसी ने सावधान  नही किया था।  चुनमुन  बोली  कोई  मुझे सपने मे सावधान  कर रहा था कि टिंकपिका के जादूगर  के सैनिक  आसपास  है और वे किसी समय हमला कर सकते है पर मुझे दाँतों पर हमले की बात  समझ  मे नही आई थी । डॉक्टर  ने चुनमुन  को  समझाया कि  अधिक  टाफी , मिठाई इत्यादि नहीं खानी चाहिए।   दाँतो को हमेशा साफ रखना चाहिए ।  हर बार  खाने के बाद  अच्छी तरह  से दाँत और  मुह  धोना चाहिए और सुबह-शाम  ब्रश करना चाहिए ताकि फिर  टिंकपिका के जादूगर  के सैनिक  तुम्हे परेशान  नहीं कर सकें ।   नन्ही चुनमुन  ने सिर  हिलाकर डॉक्टर से प्रामिस  किया  कि वह चाकलेट टाफी मिठाई अधिक नही खाएगी और डॉक्टर साहब की बताई सब  बातों का ख्याल रखेगी ।  डाक्टर साहब भी नन्ही चुनमुन  की प्यारी बातें सुनकर  बिना मुस्कराए नहीं रह सके।





शरद कुमार श्रीवास्तव 

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