गोलू, मोलू , छोटू,गुड़िया
चलो चलें स्कूल
सभी किताबें रखें बैग में
पोंछ पोंछकर धूल।
टीचरजी के लिए ले चलें
सुंदर - सुंदर फूल
हाथजोड़कर करें प्रार्थना
नहीं मारना रूल।
करी पढ़ाई लैपटॉप पर
गए सभी कुछ भूल
टीचरजी मुस्काकर बोलीं
तुम हो बिल्कुल फूल।
गली-गली में कोरोना के
बिछे हुए थे शूल
फूल रहींथीं सांसें सबकी
मौसम था प्रतिकूल।
सुनी तुम्हारी भी ईश्वर ने
खोल दिये स्कूल
मास्कलगा निश्चित दूरीपर
डालो सब स्टूल।
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वीरेन्द्र सिंह "ब्रजवासी"
9719275453
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