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रविवार, 16 मई 2021

"माँ " मातृ दिवस पर विशेष अंजू जैन गुप्ता की रचना



 




माँ तुम ईश्वर की रचना, 

रचती सदा सृष्टि सारी।

कल-आज और कल में भी 

नहीं बदलता तेरा स्वरूप (form)।



          माँ गर्भ में रख तुम नौ महीने 

          अहसान नहीं जताती;              

           पल-पल अपने रक्त(blood)

             से सीँच हमें बड़ा बनाती। 


माँ तुम ईशवर की रचना, 

रचती  सृष्टि सारी। 

तेरे आँचल की छाँव तले 

तो मिलता स्नेह, त्याग, समर्पण 

और सुपुन ढेर सारा। 



              माँ तुम ईश्वर की रचना, 

              रचती सृष्टि सारी। 

             तेरे बच्चों पर संकट आए तो 

              रौद्र रूप तुम धारण करती। 

               उसकी साँसों पर बन आए 

                 ( मुसीबत आए) तो,

                  अपनी साँसें कभी न 

                   गिनती। 

माँ तुम ईशवर की रचना, 

रचती  सृष्टि सारी। 

तेरे आशीष तले ही 

बसती दुनिया सारी। 





अंजू जैन गुप्ता

गुरुग्राम 


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