रामू — हेे भगवान मेरे देश की राजधानी लखनऊ कर दो.
मोहन — अरे अपने देश की राजधानी अच्छी खासी दिल्ली है उसे लखनऊ क्यो करना चाहते हो?
रामू — परीक्षा मे वहीं लिख आया हूँ.
अध्यापक नये छात्र से-तुम लगातार मुस्कुरा क्यों रहे हो ?
नया छात्र- जी मेरा नाम खुशी राम है।
रानी — राजन तुम काले से गोरे कैसे हो गए
राजन — मै पहले कोयला बेचता था अब चावल बेचता हूँ।
अध्यापक- देशाटन से लाभ पर निबन्ध लिखो।
शिखर ने लिखा- पढाई लिखाई और स्कूल से छुट्टी मिल जाती है
अध्यापक — मै तुम्हें नालायक से लायक कैसे बनाऊँ।
सोहन- बस आप ना कहना बन्द करके सिर्फ लायक कहा क़रें
संकलन : शरद कुमार श्रीवास्तव
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