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सोमवार, 6 मई 2019

कुछ न कुछ करते रहना है : प्रभु दयालु श्रीवास्तव





    कुछ न कुछ करते रहना है 

  खाली नहीं बैठना हमको ,
  कुछ न कुछ करते रहना है |

  गरमी की छुट्टी में रम्मू,
  प्यारे प्यारे चित्र बनाता |
   उन्हें बेचकर मजे मजे से ,
   रूपये रोज कमाकर लाता |
   इन रुपयों से निर्धन बच्चों,
   की उसको सेवा करना है |

    लल्ली ने गरमी की छुट्टी,
    एक गाँव में  काटी जाकर,
    कैसे पानी हमें बचाना ,
   लौटी है सबको समझाकर |
   निश्चित इसका सुफल मिलेगा ,
   बूँद बूँद पानी बचना है |

   उमर हुई अस्सी की फिर भी,
   दादाजी सबको समझाते |
   कचरा मत फेको सड़कों पर ,
   कचरा बीमारी फैलाते |
  रोज बीनते कचरा पन्नी ,
  कहते हमें स्वस्थ रहना है |

    कुछ न कुछ करते रहने से ,
    होती रहती सदा भलाई |
    तन तो स्वस्थ रहा करता है,
    मन  की होती खूब सफाई |
    चिंता  फ़िक्र दूर होती है,
    बहता खुशियों का झरना है |

      

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